आपने बनाया है मुझे इस योग्य, कि प्राप्त करूं मैं अपना लक्ष्य,
दिया है हर समय आपने सहारा, जब भी लगा मुझे कि मैं हारा
कोडरमा स्थित राज इंटरनेशनल स्कूल में छात्र छात्राओं व शिक्षकों ने शिक्षक दिवस मनाया। इस दौरान सबसे पहले देश के पहले उप राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के फोटो पर माल्यार्पण कर व पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस दौरान छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य राहुल घोष ने डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आजाद भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति के तौर पर डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का नाम भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा गया है। वे दर्शनशास्त्र का भी बहुत ज्ञान रखते थे, उन्होंने भारतीय दर्शनशास्त्र में पश्चिमी सोच की शुरुवात की थी। राधाकृष्णन प्रसिद्ध शिक्षक भी थे, यही वजह है, उनकी याद में हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। बीसवीं सदी के विद्वानों में उनका नाम सबसे उपर है। वे पश्चिमी सभ्यता से अलग, हिंदुत्व को देश में फैलाना चाहते थे। राधाकृष्णन जी ने हिंदू धर्म को भारत और पश्चिम दोनों में फ़ैलाने का प्रयास किया, वे दोनों सभ्यता को मिलाना चाहते थे। उनका मानना था कि शिक्षकों का दिमाग देश में सबसे अच्छा होना चाहिये, क्यूंकि देश को बनाने में उन्हीं का सबसे बड़ा योगदान होता है। उसके बाद सभी छात्र छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। स्टूडेंट्स ने पुराने फिल्मी गीतों की पैरोडी प्रस्तुत की । इस अवसर पर क्लास एक से आठ तक के स्टूडेंट्स ने कविता पाठ और नृत्य प्रस्तुत किए। क्लास आठवी के स्टूडेंट ने स्वरचित कविता के माध्यम से अपने भाव सावी शिक्षको के लिये अभिव्यक्त किए । क्लास दो की स्टूडेंट आनवी राज ने टीचर्स डे क्यों मनाया जाता है ? पर अपना भाषण प्रस्तुत किया । क्लास छठी की विद्यार्थी आकृति ने टीचर्स डे के महत्व को बताया। क्लास आठ के स्टूडेंट नय्यारा वसीम और सभी छात्र ने टीचर्स डे के उपलक्ष में स्कूल की प्रिंसिपल को और सभी शिक्षको एक कविता समर्पित की।
इस अवसर पर स्टूडेंट्स ने टीचर्स के मनोरंजन के लिए खेलों का आयोजन भी किया जैसे म्यूजिकल चेयर आदि। इस आयोजन के माध्यम से स्टूडेंट्स ने टीचर्स के महत्व को समझा और उनके प्रति सम्मान और आदर की भावना को व्यक्त किया । यह आयोजन स्कूल के लिए एक यादगार पल था और टीचर्स के लिए एक सम्मान का क्षण था।
स्कूल प्रबंधन ने शिक्षको को उपहार दिया तथा शिक्षको के लिये दोपहर भोजन का आयोजन किया | विद्यालय के चेयरमैन रामलखन सिंह ने कहा की
शिक्षक यानी गुरु वह होता है जो हमें अज्ञानता से निकालकर ज्ञान की ओर ले जाने में मदद करता है. इस दिन हमें शिक्षकों को आभार व्यक्त करना चाहिए और सही रास्ता दिखाने के लिए उनका धन्यवाद देना चाहिए. शिक्षक वह होते हैं जो हमें सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं देते बल्कि हमें जीवन जीने का सार भी समझाते हैं. जब हम गलत होते हैं तो हमें सही रास्ता दिखाते हैं. अध्यापक हमें विनम्र बने रहने के लिए प्रेरित करते हैं | विद्यालय की निदेशक संपा सिंह तथा सचिव सिद्धार्थ सिंह ने सभी शिक्षकों का धन्यवाद किया तथा ऐसे आगे बढ़ते रहने के लिए शुभकामनाये दी |