कोडरमा स्थित राज इंटरनेशनल स्कूल शनिवार को रक्षाबंधन पर्व सेलिब्रेट किया गया. शिक्षा विभाग ने रक्षाबंधन से एक दिन पहले स्कूलों में रक्षाबंधन पर्व मनाने के निर्देश दिए थे, ताकि बच्चों में भाई-बहन जैसा स्वभाव बना रहे. शनिवार को विद्यालय में राखी बनाने की प्रतियोगिता भी आयोजित की गई | खुद से निर्मित राखी को छात्राओं ने शिक्षकों को, विद्यालय कर्मचारी को, विद्यालय के प्रिंसिपल राहुल घोष और सचिव सिद्धार्थ सिंह, गुरुजनों को रक्षा सूत्र बांधा. साथ ही एक दूसरे की रक्षा का वचन भी दिया.एक दूसरे के प्रति अच्छी भावना का विकास हो ऐसी कामना की गई | इसके साथ ही स्कूल प्रबंधन ने छात्रों को रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में उपहार भी दिया | प्रधानाचार्य राहुल घोष ने बताया कि वैसे तो सभी उत्सव और त्योहार विद्यालय में मनाते हैं, लेकिन इस बार विशेष रूप से रक्षाबंधन को विद्यालय में सेलिब्रेट किया गया है. छात्राओं ने छात्रों को राखी बांधी ताकि एक दूसरे के प्रति अच्छी भावना का विकास हो रहा है. आजकल जिस तरह का माहौल देख रहे हैं, उसमें बच्चियों की सुरक्षा बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, लेकिन जब बच्चे एक दूसरे की रक्षा के लिए अग्रसर रहेंगे तो इससे समाज भी सुधरेगा. विद्यालय की निदेशक संपा सिंह ने बताया की
महिलाओं के प्रति आदर-सम्मान की भावना जागृत आज के दौर में इस पर्व की उचित प्रासंगिकता है. समाज में जिस तरह की अनैतिक घटनाएं होती हैं, उसका गलत असर यूथ पर पड़ता है. ऐसे में शिक्षा विभाग ने स्कूलों में छात्रों के बीच रक्षाबंधन मनाने की जो पहल की है, ये उचित और प्रासंगिक है. पश्चिम बंगाल में जो घटना घटित हुई, इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए स्कूल लेवल पर ही छात्रों को महिलाओं के प्रति आदर-सम्मान की भावना जागृत होगी, तो इस तरह की घटनाएं कम होने की संभावना बढ़ेगी.
छात्र-छात्राएं में भी दिखा उत्साह
छात्र-छात्राओं ने स्कूल में रक्षाबंधन को लेकर बताई सीख को जीवन में आत्मसात करने की बात कही साथ ही बताया गया कि श्रावण महीने की पूर्णिमा पर ये पर्व मनाया जाता है. ये पर्व सिर्फ बहन-भाई के अटूट रिश्ते का प्रतीक नहीं, बल्कि गुरु शिष्य और पर्यावरण के साथ भी रिश्ते का भी पर्व है. छात्रा पल्लवी किशोर ने बताया कि अब तक वो सिर्फ अपने घर में अपने भाइयों को रक्षा सूत्र बांधकर रक्षाबंधन का पर्व मनाती आई है, लेकिन स्कूल में ये त्योहार मनाया गया, इसलिए वो काफी खुश हैं.इस दौरान न सिर्फ छात्राओं ने छात्रों को रक्षा सूत्र बांधा बल्कि गुरु शिष्य परंपरा का निर्वहन करते हुए छात्रों ने अपने शिक्षकों को भी रक्षा सूत्र बांधा. शिक्षिका सुष्मिता टूटी ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण और कैंपस के प्रति अपनत्व की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए छात्रों ने पेड़-पौधे और अपने कैंपस को भी रक्षा सूत्र बांधकर उनके प्रति अपनत्व का भाव प्रकट किया.